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WELCOME TO GOVERNMENT MAHATMA GANDHI P. G. COLLEGE KHARSIA

(B ग्रेड से नैक मूल्यांकित, NAAC PEER TEAM VISIT Date :13-14/09/2022, 21-09-2022 से  20-09-2027 तक वैध)

सत्र 2023-24 से हिंदी और रसायन में शोध केंद्र 

शोध निदेशक (हिंदी) - डॉ रमेश टंडन, शोध निदेशक (रसायन) - डॉ मो० तल्हा 

शासकीय महात्मा गांधी स्नातकोत्तर महाविद्यालय खरसिया जिला रायगढ़ की स्थापना सर्वप्रथम नगरपालिका परिषद् खरसिया के द्वारा एक अशासकीय महाविद्यालय के रूप में १४ अगस्त सन १९६४ ई० में हुई थी.पहले केवल कला संकाय थी,जिसके अंतर्गत बी. ए. की कक्षाओं का संचालन किया जाता था. बाद में तत्कालीन नगरपालिका परिषद् के अध्यक्ष एवं महाविद्यालय शिक्षा समिति के पदेन अध्यक्ष स्व.श्री लखीराम अग्रवाल जी के प्रयास से वाणिज्य संकाय प्रारम्भ किया गया. अविभाजित मध्यप्रदेश में यह महाविद्यालय नगरपालिका परिषद् द्वारा संचालित एक मात्र महाविद्यालय था तथा अविभाजित रायगढ़ जिले में वाणिज्य की उच्च शिक्षा इसी महाविद्यालय से प्रारम्भ की गयी थी. नगरपालिका द्वारा महाविद्यालय संचालन के कार्यकाल में अनेक बाधाएं आयीं, परन्तु महाविद्यालय के संस्थापक अध्यक्ष के सामाजिक-सांस्कृतिक-शैक्षणिक विकास के पक्के इरादे दूर दृष्टि के कारण यह महाविद्यालय निरंतर विकास करता रहा.

डॉ अमिताभ लाहिड़ी पूर्व प्राचार्य किरोड़ीमल शासकीय कला विज्ञानं एवं स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय रायगढ़ / क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा संचालनालय बिलासपुर सम्भाग, प्रो० ए०के० शकूर विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी उच्च शिक्षा विभाग बिलासपुर सम्भाग तथा प्रो० व्यास नारायण पाण्डेय के प्रयास से इस महाविद्यालय का शासकीय अधिग्रहण २४ मार्च १९८४ को हुआ. १९६४ से १९९० तक महाविद्यालय की कक्षाएं नगरपालिका परिषद् द्वारा निर्मित तथा उनके द्वारा उपलब्ध कराए गए भवन में संचालित होती थी. इस दौरान महाविद्यालय के सुप्रसिद्ध अर्थशास्त्री एवं उच्च शिक्षा के नीतिकार डॉ सत्यसहाय श्रीवास्तव, प्रो० बी डी शर्मा तथा प्रो० डी के वाजपेयी जैसे प्रभृति विद्वानों ने प्राचार्य के रूप में महाविद्यालय के विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया. स्थापना काल के महाविद्यालयीन प्राध्यापकों एवं अधिकारियों में प्रो० दिलीप कुमार वाजपेयी, प्रो० भगवत दास शर्मा, प्रो० सीताराम अग्रवाल, प्रो० राम बिलास थवाईत, प्रो० भगवान दास दीवान, प्रो० कुञ्ज बिहारी चतुर्वेदी, ग्रंथपाल गोविन्दराम थवाईत, डॉ विजेंद्र कुमार पाण्डेय, प्रो० कुमार पेल्लई, डॉ सतीश देश पाण्डेय इत्यादि ने महाविद्यालय के विकास में अपना उल्लेखनीय योगदान किया है .

यह महाविद्यालय, पण्डित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर से १९६४ से १९८३ तक तथा गुरु घासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से १९८४ से २०१२ तक सम्बद्ध रहा. २०२० - २१ तक अटल बिहारी वाजपेयी विवि बिलासपुर से सम्बद्ध रहा. २०२१-२२ से प्रथम वर्ष/सेमेस्टर में अध्ययनरत छात्रों के साथ शहीद नंदकुमार पटेल विश्वविद्यालय रायगढ़ से सम्बद्ध है. १९९० से महाविद्यालय वर्तमान भवन में संचालित हो रहा है. खरसिया के पूर्व विधायक तथा म प्र / छ ग शासन के पूर्व गृह मंत्री शहीद श्री नंद कुमार पटेल जी के द्वारा महाविद्यालय से लगे हुए लगभग १६ एकड़ भूमि राज्य शासन खेल एवं युवा कल्याण विभाग के अनुदान से प्राप्त कर मिनी स्टेडियम का निर्माण कराया गया.

३९०११.६९ वर्ग मीटर में विस्तारित महाविद्यालय परिसर में अनेक अध्ययन कक्ष, प्रयोगशाला कक्ष, पुस्तकालय, जिम, ४०० मी के दौड़ -पथ युक्त स्टेडियम उपलब्ध है. महाविद्यालय में स्नातक में – आधार पाठ्यक्रम व पर्यावरण सहित हिन्दी साहित्य, इतिहास, राजनीति शास्त्र, समाज शास्त्र, अर्थ शास्त्र, भूगोल, भौतिकी, गणित, वनस्पति विज्ञानं, प्राणी विज्ञानं, रसायन, बीकाम; स्नातकोत्तर में – हिन्दी साहित्य, इतिहास, राजनीति शास्त्र, समाज शास्त्र, अर्थ शास्त्र, अंग्रेजी, रसायन, एम काम के पाठ्यक्रम संचालित है. ३५३९० पुस्तकों से युक्त सुसज्जित ग्रंथालय भी है. १०७ केडेट्स की एन सी सी इकाई तथा १०० स्वयंसेवकों की एन एस एस इकाई संचालित है. आई क्यू ए सी भी छात्रों का निरंतर मार्गदर्शन करती है. महिला सेल छात्राओं को उनके अधिकारों के प्रति लगातार जागरूक करता है. क्रीडा विभाग सक्रिय है जहाँ से छात्र-छात्राएं निरंतर अंतर जिला/राज्य/विवि स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेते हैं. महाविद्यालय विभिन्न स्तर की खेल प्रतियोगिताएं भी आयोजित करता है. महाविद्यालय वार्षिक पत्रिका “सृजन” का प्रकाशन भी करता है. वर्तमान में महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ राकेश तिवारी हैं .

ACHEIVEMENTS

A wonderful serenity has taken possession of my entire soul, like these sweet mornings of spring which I enjoy with my whole heart like mine.

58

Years

18

Regular Teachers

1970

Student Campuses

15000

Alumni